श्रीमद् भागवत कथा – Shrimad Bhagwat Katha,Recent Posts
01/06/ · Title: Śrīmad-bhāgavatam (with Hindi Translation) Author: Śrī Vyāsadeva. Translator: Pandit Kanhaiyalal Upadhyay. Published by: Bhāgavata Prakāśaṁ Kāryālaya. To download "Srimad-Bhagavat Puran (Hindi) PDF book in just single click for free, simply click on the download button provided below. Download PDF (59 MB) If you like this book we 29/07/ · Download Srimad Bhagwat Puran in Hindi by B. K. Chaturvedi Srimad Bhagwat Puran in Hindi PDF Download Read Online Summary The ‘Srimad Bhagwat’ itself is 12/01/ · भागवत पुराण हिंदी – Bhagvat Puran Book/Pustak PDF Free Download पहला अध्याय देवर्षि नारदकी भक्ति से भेंट सच्चिदानन्दवरूप भगवान् We salute Lord Shri Krishna as Sachchidanandas, who is the destroyer of heat, for spiritual origin, condition, and destruction, and for spiritual, semi-spiritual, and semi-physical forms. At ... read more
उन्नीसवें और बीसवें अवतारों में उन्होने यदुवंश मे बलराम और श्रीकृष्ण के नाम से प्रकट होकर पृथ्वी का भार उतारा। उसके बाद कलियुग आ जाने पर मगधदेश मे देवताओ के द्वेषी दैत्यों को मोहित करने के लिये अजन के पुत्र रूप में आपका बुद्धावतार होगा। इसके भी बहुत पीछे जब कलियुग का अंत समीप होगा और राजा लोग प्रायः लुटेरे हो जायेंगे, तब जगत के रक्षक भगवान विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर कल्किरूप में अवतीर्ण होंगे।. शौनकादि ऋषियों! जैसे अगाध सरोवर से हजारों छोटे-छोटे नाले निकलते है, वैसे ही सत्त्वनिधि भगवान श्रीहरि के असंख्य अवतार हुआ करते हैं। ऋषि, मनु, देवता, प्रजापति, मनुपुत्र और जितने भी महान शक्तिशाली हैं, वे सब-के-सब भगवान के ही अंश हैं। ये सब अवतार तो भगवान के अंशावतार अथवा कलावतार हैं, जब लोग दैत्यों के अत्याचारों से व्याकुल हो उठते हैं, तब युग-युग में अनेक रूप धारण करके भगवान उनकी रक्षा करते हैं। भगवान के दिव्य जन्मों की यह कथा अत्यंत गोपनीय-रहस्यमयी है, जो मनुष्य एकाग्रचित्त से नियमपूर्वक सांयकाल और प्रातःकाल प्रेम से इसका पाठ करता है, वह सब दुःखों से छूट जाता है।.
प्राकृत स्वरूपरहित चिन्मय भगवान का जो यह स्थूल जगदाकार रूप है, यह उनकी माया के महत्तत्वादि गुणो से भगवान में ही कल्पित है। जैसे बादल वायु के आश्रय रहते है और धूसरपना धूल मे होता है, परंतु अल्पबुद्धि मनुष्य बादलों का आकाश में और धूसरपने का वायु मे आरोप करते हैं-वैसे ही अविवेकी पुरुष सबके साक्षी आत्मा मे स्थूल दृश्यरूप जगत का आरोप करते हैं। इस स्थूलरूप से परे भगवान का एक सूक्ष्म अव्यक्त रूप है- जो न तो स्थूल की तरह आकारादि गुणोवाला है और ना देखने, सुनने मे ही आ सकता है; वही सूक्ष्मशरीर है।. आत्मा का आरोप या प्रवेश होने से वही जीव कहलाता है और इसी का बार-बार जन्म होता है। उपर्युक्त सूक्ष्म और स्थूल शरीर अविद्या से ही आरोपित है। जिस अवस्था मे आत्मस्वरूप के ज्ञान से यह आरोप दूर हो जाता है, उसी समय ब्रह्म का साक्षात्कार होता है। तत्त्वज्ञानी लोग जानते है कि जिस समय यह बुद्धिरूपा परमेश्वर की माया निवृत्त हो जाती है, उस समय जीव परमानंदमय हो जाता है और अपनी स्वरूप-महिमा मे प्रतिष्ठित होता है। वास्तव मे जिनके जन्म नही है और कर्म भी नही हैं, उन हृदयेश्वर भगवान के अप्राकृत जन्म और कर्मो का तत्त्वज्ञानी लोग इसी प्रकार वर्णन करते है; क्योंकि उनके जन्म और कर्म वेदों के अत्यंत गोपनीय रहस्य हैं.
भगवान की लीला अमोध है। वे लीला से ही इस संसार का सृजन, पालन और संहार करते हैं, किंतु इसमे आसक्त नही होते। प्राणियों के अंतःकरण मे छिपे रहकर ज्ञानेंद्रिय और मन के नियंता के रूप में उनके विषयों को ग्रहण भी करते है, परंतु उनसे अलग रहते हैं, वे परम स्वतंत्र है—ये विषय कभी उन्हे लिप्त नहीं कर सकते। जैसे अनजान मनुष्य जादूगर अथवा नट के संकल्प और वचनों से की हुई करामात को नही समझ पाते, वैसे ही अपने संकल्प और वेदवाणी के द्वारा भगवान के प्रकट किये हुये इन नाना नाम और रूपों को तथा उनकी लीलाओ को कुबुद्धि जीव बहुत सी तर्क-युक्तियों के द्वारा नही पहचान सकता।. चक्र्पाणि भगवान की शक्ति और पराक्रम अनंत है — उनकी कोई थाह नही पा सकता। वे सारे जगत के निर्माता होने पर भी इससे सर्वथा परे है। उनके स्वरूप को अथवा उनकी लीला के रहस्य को वही जान सकता है, जो नित्य — निरंतर निष्कपट भाव से उनके चरणकमलों की दिव्य गंध का सेवन करता है- सेवाभाव से उनके चरणो का चिंतन करता रहता है। शौनकादि ऋषियों!
आप लोग बड़े ही सौभाग्यशाली और धन्य है जो इस जीवन मे और विघ्न-बाधाओं से भरे इस संसार मे समस्त लोकों के स्वामी भगवान श्रीकृष्ण से वह सर्वात्मक आत्मभाव, वह अनिर्वचनीय अनन्य प्रेम करते है, जिससे फिर जन्म -मरणरूप संसार के भंयकर चक्र मे नही पड़ना होता।. भगवान वेदव्यास ने यह वेदों के समान भगवच्चरित्र से परिपूर्ण भागवत नाम का पुराण बनाया है। उन्होने इस श्लाघनीय, कल्याणकारी और महान पुराण को लोगो के परम कल्याण के लिये अपने आत्मज्ञानिशिरोमणि पुत्र को ग्रहण कराया। इसमे सारे वेद और इतिहासों का सार-सार संग्रह किया गया है। शुकदेवजी राजा परीक्षित को यह सुनाया। उस समय वे परमार्षियो से घिरे हुये आमरण अनशन का व्रत लेकर गंगातट पर बैठे हुये थे।. भगवान श्रीकृष्ण जब धर्म, ज्ञान आदि के साथ अपने परमधाम को पधार गये, तब इस कलियुग मे जो लोग अज्ञानरूपी अंधकार से अँधे हो रहे है, उनके लिये यह पुराणरूपी सूर्य इस समय प्रकट हुआ है। शौनकादि ऋषियों! जब महातेजस्वी श्रीशुकदेवजी महाराज वहाँ इस पुराण की कथा कह रहे थे, तब मै भी वहाँ बैठा था। वहीं मैंने उनकी कृपापूर्ण अनुमति से इसका अध्ययन किया। मेरा जैसा अध्ययन है और मेरी बुद्धि ने जितना जिस प्रकार इसको ग्रहण किया है, उसी के अनुसार इसे मैं आप लोगों को सुनाऊँगा।.
कुछ लोग इसे महापुराण न मानकर देवी-भागवत को महापुराण मानते हैं। वे इसे उपपुराण बताते हैं। पर बहुसंख्यक मत इस पक्ष में नहीं हैं। भागवत के रचनाकाल के संबंध में भी विवाद है। दयानंद सरस्वती ने इसे तेरहवीं शताब्दी की रचना बताया है, पर अधिकांश विद्वान इसे छठी शताब्दी का ग्रंथ मानते हैं। इसे किसी दक्षिणात्य विद्वान की रचना माना जाता है। भागवत पुराण का दसवां स्कंध भक्तों में विशेष प्रिय है।. सृष्टि-उत्पत्ति के सन्दर्भ में इस पुराण में कहा गया है- एकोऽहम्बहुस्यामि। अर्थात् एक से बहुत होने की इच्छा के फलस्वरूप भगवान स्वयं अपनी माया से अपने स्वरूप में काल, कर्म और स्वभाव को स्वीकार कर लेते हैं। तब काल से तीनों गुणों- सत्व, रज और तम में क्षोभ उत्पन्न होता है तथा स्वभाव उस क्षोभ को रूपान्तरित कर देता है।.
तब कर्म गुणों के महत्त्व को जन्म देता है जो क्रमश: अहंकार, आकाश, वायु तेज, जल, पृथ्वी, मन, इन्द्रियाँ और सत्व में परिवर्तित हो जाते हैं। इन सभी के परस्पर मिलने से व्यष्टि-समष्टि रूप पिंड और ब्रह्माण्ड की रचना होती है। यह ब्रह्माण्ड रूपी अण्डां एक हज़ार वर्ष तक ऐसे ही पड़ा रहा। फिर भगवान ने उसमें से सहस्त्र मुख और अंगों वाले विराट पुरुष को प्रकट किया। उस विराट पुरुष के मुख से ब्राह्मण, भुजाओं से क्षत्रिओं से क्षत्रिय, जांघों से वैश्य और पैरों से शूद्र उत्पन्न हुए।. कीर्तनोत्सव मे उद्धव जी का प्रकट होना, श्री मद्भागवत मे विशुद्ध भक्ति, भगवान श्री कृष्ण के नाम लीला गुण आदि का संकीर्तन किया जाय तो वे स्वयं ही हृदय मे आ विराजते है और श्रवण, कीर्तन करने वाले के सारे दुख मिटा देते है। ठीक वैसे ही जैसे सूर्य अन्धकार को और आंधी बादलों को तितर-बितर कर देते है।.
जिस वाणी से घट-घटवासी अविनाशी भगवान के नाम लीला, गुण का उच्चारण नही होता, वह वाणी भावपूर्ण होने पर भी निरर्थक है, सारहीन है, जिस वाणी से चाहे वह रस, भाव, अंलकार आदि से युक्त ही क्यो न हो — जगत को पवित्र करने वाले भगवान श्रीकृष्ण के यश का कभी गान नही होता। वह तो अत्यन्त अपवित्र है इसके विपरीत जिसमे सुन्दर रचना भी नही है, और जो व्याकरण आदि की दृष्टि से दूषित शब्दों से युक्त भी है, परन्तु प्रत्येक श्लोक मे भगवान के सुयश नाम जडे है वही वाणी लोगो के सारे पापों का नाश कर देती है। Puranas Share. Facebook Twitter Pinterest Email WhatsApp Team Bhaktisatsang भक्ति सत्संग वेबसाइट ईश्वरीय भक्ति में ओतप्रोत रहने वाले उन सभी मनुष्यो के लिए एक आध्यात्मिक यात्रा है, जिन्हे अपने निज जीवन में सदैव ईश्वर और ईश्वरत्व का एहसास रहा है और महाज्ञानियो द्वारा बतलाये गए सत के पथ पर चलने हेतु तत्पर है यहाँ पधारने के लिए आप सभी महानुभावो को कोटि कोटि प्रणाम.
Bahut Sundar. Bhagwan ki lila aparam paar hai. Sign up Log in. Web icon An illustration of a computer application window Wayback Machine Texts icon An illustration of an open book. Books Video icon An illustration of two cells of a film strip. Video Audio icon An illustration of an audio speaker. Audio Software icon An illustration of a 3. Software Images icon An illustration of two photographs. Images Donate icon An illustration of a heart shape Donate Ellipses icon An illustration of text ellipses. Search Metadata Search text contents Search TV news captions Search archived websites Advanced Search. Srimad Bhagavatam with Hindi Translation Item Preview. remove-circle Share or Embed This Item. धर्मतत्त्व Dharmatattv. क्षमा चाहते हैं. पुस्तकों के लिंक कम नहीं कर रहे थे किन्तु अब लिंक अपडेट कर दिए गए हैं डाउनलोड करने में अब को दिक्कत नहीं आएगी. आपने बहुत बहुत घटिया,, काम कर दिया आपकी वजह। से इतनी बड़ी मुश्किल आ गई असली वाली देवी पुराण ,कुछ और और आपकी कुछ और दिमाग खराब कर दिया ऐसा क्यूं किया आपने ऐसा क्यूं किया,, पता कितनी मुश्किल आ गई,, धर्म कर्म, धार्मिक चीजों में बदलाव मत करो नहीं तो। पाप। लगेगा,,, इस बुक को आप अभी बिल्कुल असली वाली में लिखा वो लिखी बिल्कुल,, 1 भी शब्द बदलना नहीं,,,, या फिर आप इस ऐप को यहां से हटा दो।।।। ,, नुकसान हो जाएगा नहीं टी??????????????
श्रीमान आप क्रुद्ध हुए इसके लिए क्षमा चाहते हैं किन्तु यह पुस्तक गीता प्रेस गोरखपुर द्वारा सम्पादित की गयी है जानकारी के लिए बता दें गीता प्रेस प्रामाणिक और विश्वसनीय पुस्तकों के लिए जानी जाती है. Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. श्रीमद देवी भागवत पुराण हिंदी पुस्तक मुफ्त डाउनलोड करें Shreemad Devi Bhagvat Puran Hindio Book Free Download. श्रीमद देवी भागवत पुराण हिंदी पुस्तक मुफ्त डाउनलोड करें Shreemad Devi Bhagvat Puran Hindio Book Free Download के बारे में अधिक जानकारी : इस पुस्तक का नाम : है इस पुस्तक के लेखक हैं : की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : इस पुस्तक का कुल साइज पुस्तक की श्रेणी : dharm , gita-press , hindu.
This item does not appear to have any files that can be experienced on Archive. Please download files in this item to interact with them on your computer. Show all files. भागवत पुराण जिसे श्रीमद भागवतम या भागवत के नाम से भी जाना जाता है , हिंदू साहित्य के " महा " पुराण ग्रंथों में से एक है , जिसमें विष्णु के अवतार भक्ति पर विशेष ध्यान दिया गया है। संस्कृत ग्रन्थ में बारह स्कन्ध आयतन या पुस्तकें और 13, श्लोक हैं। भागवत में हिंदू परंपरा में अच्छी तरह से ज्ञात कई कहानियां शामिल हैं , जिनमें विष्णु के विभिन्न अवतार और कृष्ण का जीवन शामिल है। श्रीमद्भागवतम् योग , ध्यान और रहस्यवादी कलाओं का एक आभासी विश्वकोश है। यह एक पूर्ण स्रोत की जानकारी को एक साथ लाता है जो पहले सैकड़ों पुस्तकों की व्याख्या नहीं कर सकता था। भागवतम का यह संस्करण , विस्तृत टिप्पणी के साथ , अंग्रेजी बोलने वाली दुनिया के लिए सबसे व्यापक रूप से फैला हुआ और आधिकारिक अनुवाद है।.
यह भागवत पुराण सूर्य के समान तेजस्वी है , और यह धर्म , ज्ञान , आदि के साथ - साथ भगवान कृष्ण के अपने निवास पर प्रस्थान करने के बाद उत्पन्न हुआ है , जो आयु में अज्ञान के घने अंधेरे के कारण अपनी दृष्टि खो चुके हैं। काली को इस पुराण से प्रकाश मिलेगा श्रीमद - भागवतम 1. ईबुक में 12 स्कंदस हैं।. विषय - सूची श्रीमद भागवतम , स्कंद 1: निर्माण 2. पहला स्कंद - क्रिएशन 3. पहला स्कंद - प्रस्तावना 5. स्कंद 1 - परिचय 9. स्कंद 1 - अध्याय 1: ऋषि 51 द्वारा प्रश्न. स्कंद 1 - अध्याय 2: दिव्यता और दिव्य सेवा स्कंद 1 - अध्याय 3: कृष्ण सभी अवतारों का स्रोत है. स्कंद 1 - अध्याय 4: श्री नारद का प्रकटन स्कंद 1 - अध्याय 5: व्यासदेव के लिए श्रीमद - भागवतम पर नारद के निर्देश. स्कंद 1 - अध्याय 6: नारद और व्यासदेव के बीच वार्तालाप केंटो 1 - अध्याय 7: द्रोण का बेटा दंडित. स्कंद 1 - अध्याय 8: रानी कुंती और परीक्षित द्वारा प्रार्थना सहेजे गए. केंटो 1 - अध्याय 9: भगवान कृष्ण की उपस्थिति में भीष्मदेव की पदयात्रा स्कंद 1 - अध्याय द्वारका के लिए भगवान कृष्ण का प्रस्थान.
स्कंद 1 - अध्याय भगवान कृष्ण का द्वारका में प्रवेश स्कंद 1 - अध्याय सम्राट परीक्षित का जन्म केंटो 1 - अध्याय धृतराष्ट्र घर छोड़ता है. केंटो 1 - अध्याय भगवान कृष्ण का गायब होना. केंटो १ - अध्याय १५ : पांडवों का समय 15 ९ 15 केंटो 1 - अध्याय कैसे परीक्षित ने काली की आयु प्राप्त की. स्कंद 1 - अध्याय सजा और का इनाम. स्कंद 1 - अध्याय महाराजा परीक्षित एक ब्राह्मण लड़के द्वारा शापित. स्कंद 1 - अध्याय सुकदेव गोस्वामी का प्रकटन श्रीमद भागवतम , स्कंद 2: द कॉस्मिक मैनिफेस्टेशन दूसरा स्कंद : द कॉस्मिक मैनिफेस्टेशन - संस्करण स्कंद 2 - अध्याय 1: भगवान की प्राप्ति में पहला कदम स्कंद 2 - अध्याय 2: हृदय में प्रभु. स्कंद 2 - अध्याय 3: शुद्ध भक्ति सेवा : हृदय में परिवर्तन. स्कंद 2 - अध्याय 4: निर्माण की प्रक्रिया स्कंद 2 - अध्याय 5: सभी कारणों का कारण स्कंद 2 - अध्याय 6: पुरुसा - सुक्त पुष्टि स्कंद 2 - अध्याय 7: विशिष्ट कार्यों के साथ अनुसूचित अवतार स्कंद 2 - अध्याय 8: राजा परीक्षित द्वारा प्रश्न स्कंद 2 - अध्याय 9: भगवान के संस्करण का हवाला देते हुए उत्तर.
स्कंद 2 - अध्याय भागवतम सभी प्रश्नों का उत्तर है. श्रीमद भागवतम , स्कंद 3: द स्टेटस क्वो तीसरा स्कंद स्कंद 3 - अध्याय 1: विदुर द्वारा प्रश्न स्कंद 3 - अध्याय 2: भगवान कृष्ण का स्मरण केंटो 3 - अध्याय 3: वृंदावन से भगवान के भूतकाल स्कंद 3 - अध्याय 4: विदुर दृष्टिकोण मैत्रेय स्कंद 3 - अध्याय 5: विदुर की वार्ता मैत्रेय के साथ. स्कंद 3 - अध्याय 6: यूनिवर्सल फॉर्म का निर्माण. स्कंद 3 - अध्याय 7: विदुर द्वारा में आगे की पूछताछ. स्कंद 3 - अध्याय 8: गढ़भोड़कसाई विष्णु से ब्रह्मा की अभिव्यक्ति. स्कंद 3 - अध्याय 9: क्रिएटिव एनर्जी के लिए ब्रह्मा की प्रार्थनाएं. स्कंद 3 - अध्याय रचना के विभाजन. स्कंद 3 - अध्याय एटम से समय की गणना. केंटो 3 - अध्याय कुमारियों का निर्माण और अन्य स्कंद 3 - अध्याय भगवान वराह की उपस्थिति स्कंद 3 - अध्याय शाम में दिति की गर्भावस्था. स्कंद 3 - अध्याय परमेश्वर के राज्य का वर्णन स्कंद 3 - अध्याय वैकुंठ , जया और विजया के दो द्वारपाल , ऋषि द्वारा शापित.
केंटो 3 - अध्याय ब्रह्मांड के सभी दिशाओं पर विजय का संकेत स्कंद 3 - अध्याय लॉर्ड बोअर और दानव हिरण्यक्ष के बीच की लड़ाई. केंटो ३ - अध्याय १ ९ : द किलिंग ऑफ द हिरण हिरण्याक्ष २४४ स्कंद 3 - अध्याय मैत्रेय और विदुर के बीच बातचीत स्कंद 3 - अध्याय मनु और कर्दम के बीच बातचीत स्कंद 3 - अध्याय कर्दम मुनि और देवहुति की शादी स्कंद 3 - अध्याय देवहुति का विलाप स्कंद 3 - अध्याय कर्दम मुनि का त्याग. स्कंद 3 - अध्याय भक्ति सेवा की महिमा. स्कंद 3 - अध्याय भौतिक प्रकृति के मौलिक सिद्धांत. स्कंद 3 - अध्याय सामग्री प्रकृति को समझना. स्कंद 3 - अध्याय भक्ति सेवा के निष्पादन पर कपिला के निर्देश. Uploaded by Knowings on May 24, Internet Archive logo A line drawing of the Internet Archive headquarters building façade. Search icon An illustration of a magnifying glass. User icon An illustration of a person's head and chest. Sign up Log in.
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Bhaktivedanta Swami Prabhupada Item Preview. There Is No Preview Available For This Item This item does not appear to have any files that can be experienced on Archive. remove-circle Share or Embed This Item. EMBED for wordpress. com hosted blogs and archive. Want more? Advanced embedding details, examples, and help! Publication date Topics Srimad Bhagavatam, Bhagavatam, Bhagavata Purana, Bhagavata Purana in Hindi, Vyasa, sri, shri, sree, shree, srimad, shrimad, sreemad, shreemad, bhagvat, bhagavat, bhagvata, bhagavata, bhagwat, bhagwata, bhagawat, bhagawata, bhagavatam, bhagvatam, bhagwatam, purana, puraan, purana, puranam, puraanam, puraana, vyas, vyaas, vyasa, dev, deva, vedvyas, vedavyasa, vedvyasa, vedavyas, hindi, anuvad, anuvaad, anuvada, translation, pandit, pundit, pandita, kanhaiya, lal, lala, upadhyay, upadhyaya, prakasam, prakasham, karyalay, karyalaya, baldev, baladeva, baladev, prasad, prasada, prasaad, prasaada, misra, mishra, tantr, tantra, prabhakar, prabhakara, press, muradabad, muradabada, uttar, pradesa, pradesh, prades, india, bharat, bharata, , ad, hpd , Bhagavatam , Bhagavata Purana , Bhagavata Purana in Hindi , Vyasa Collection opensource Language Hindi.
भागवत पुराण जिसे श्रीमद भागवतम या भागवत के नाम से भी जाना जाता है , हिंदू साहित्य के " महा " पुराण ग्रंथों में से एक है , जिसमें विष्णु के अवतार भक्ति पर विशेष ध्यान दिया गया है। संस्कृत ग्रन्थ में बारह स्कन्ध आयतन या पुस्तकें और 13, श्लोक हैं। भागवत में हिंदू परंपरा में अच्छी तरह से ज्ञात कई कहानियां शामिल हैं , जिनमें विष्णु के विभिन्न अवतार और कृष्ण का जीवन शामिल है। श्रीमद्भागवतम् योग , ध्यान और रहस्यवादी कलाओं का एक आभासी विश्वकोश है। यह एक पूर्ण स्रोत की जानकारी को एक साथ लाता है जो पहले सैकड़ों पुस्तकों की व्याख्या नहीं कर सकता था। भागवतम का यह संस्करण , विस्तृत टिप्पणी के साथ , अंग्रेजी बोलने वाली दुनिया के लिए सबसे व्यापक रूप से फैला हुआ और आधिकारिक अनुवाद है। यह भागवत पुराण सूर्य के समान तेजस्वी है , और यह धर्म , ज्ञान , आदि के साथ - साथ भगवान कृष्ण के अपने निवास पर प्रस्थान करने के बाद उत्पन्न हुआ है , जो आयु में अज्ञान के घने अंधेरे के कारण अपनी दृष्टि खो चुके हैं। काली को इस पुराण से प्रकाश मिलेगा श्रीमद - भागवतम 1. दूसरा स्कंद : द कॉस्मिक मैनिफेस्टेशन - संस्करण स्कंद 2 - अध्याय 1: भगवान की प्राप्ति में पहला कदम स्कंद 2 - अध्याय 2: हृदय में प्रभु स्कंद 2 - अध्याय 3: शुद्ध भक्ति सेवा : हृदय में परिवर्तन स्कंद 2 - अध्याय 4: निर्माण की प्रक्रिया स्कंद 2 - अध्याय 5: सभी कारणों का कारण स्कंद 2 - अध्याय 6: पुरुसा - सुक्त पुष्टि स्कंद 2 - अध्याय 7: विशिष्ट कार्यों के साथ अनुसूचित अवतार स्कंद 2 - अध्याय 8: राजा परीक्षित द्वारा प्रश्न स्कंद 2 - अध्याय 9: भगवान के संस्करण का हवाला देते हुए उत्तर स्कंद 2 - अध्याय भागवतम सभी प्रश्नों का उत्तर है श्रीमद भागवतम , स्कंद 3: द स्टेटस क्वो 3.
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श्रीमद्भागवत पुराण हिंदी में पीडीएफ डाउनलोड |ShrimadBhagwat Puran in Hindi pdf Download,सम्पूर्ण श्रीमद देवी भागवत हिंदी – Devi Bhagwat Puran Book/Pustak Pdf Free Download
We salute Lord Shri Krishna as Sachchidanandas, who is the destroyer of heat, for spiritual origin, condition, and destruction, and for spiritual, semi-spiritual, and semi-physical forms. At 12/01/ · भागवत पुराण हिंदी – Bhagvat Puran Book/Pustak PDF Free Download पहला अध्याय देवर्षि नारदकी भक्ति से भेंट सच्चिदानन्दवरूप भगवान् 01/06/ · Title: Śrīmad-bhāgavatam (with Hindi Translation) Author: Śrī Vyāsadeva. Translator: Pandit Kanhaiyalal Upadhyay. Published by: Bhāgavata Prakāśaṁ Kāryālaya. 02/01/ · भागवत पुराण डाउनलोड करे – Shrimad Bhagwat Katha in Hindi Book Free Download Bhagwat Mahapuran – भागवत पुराण कथा प्रथम स्कन्ध प्रथम स्कन्ध To download "Srimad-Bhagavat Puran (Hindi) PDF book in just single click for free, simply click on the download button provided below. Download PDF (59 MB) If you like this book we श्रीमद देवी भागवत पुराण हिंदी पुस्तक मुफ्त डाउनलोड करें | Shreemad Devi Bhagvat Puran Hindio Book Free Download ... read more
Publication date Usage Attribution-Noncommercial-No Derivative Works 3. सातवीं बार रुचि प्रजापति की आकूति नामक पत्नी से यज्ञ के रूप मे उन्होने अवतार ग्रहण किया और अपने पुत्र याम आदि देवताओं के साथ स्वायम्भुव मंवंतर की रक्षा की। राजा नाभि की पत्नी मेरु देवी के गर्भ से ऋषभदेव के रूप में भगवान ने आठवाँ अवतार ग्रहण किया। इस रूप में उन्होने परमहंसों का मार्ग, जो सभी आश्रमियों के लिये वंदनीय है, दिखाया।. Daksha's Hostility for Shiva And Sati's Death By Self-immolation Chapter plus-circle Add Review. The Description of The Various Incarnations of The Blessed Lord Chapter 6.
com hosted blogs and archive. Video Audio icon An illustration of an audio speaker. ईबुक में 12 स्कंदस हैं।. Search icon An illustration of a magnifying glass. The Tale of Priyavrata Chapter वेदांत दर्शन ब्रह्मसूत्र वेदव्यास द्वारा हिंदी में पीडीएफ मुफ्त डाउनलोड Vedant Darshan brahmasutra By Vedvyas In Hindi PDF Free Download. आप इस दूसरी लिंक से भी किताब download कर सकते हो.
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